Monday 31 March 2014

तेरी यादें....

तेरी यादों में खोया
खुद को गवाह बैठा।
ये दिल बोहोत रोया
जो तुझको गवा बैठा।
तेरी हर याद सताती है
हर पल रुलाती है।
माना की गलती थी मेरी
पर ये मजबूरी थी मेरी।
क्योंकि मेरी एक ही खता है,
ये दिल आज भी तुमपे मरता है।
हो सके तोह मेरी खता भुला देना।
हो सके तोह मुझे एक बार फिर अप्ना लेना.....