Sunday 1 July 2012

ऐसे एक दुनिया की सोच है मेरी !!

मेरे  ख्वाबों  के  दास्तानों  का  बयान  है
बिना  तलवार  के  खाली  मयान  है
न  तलवार  न  बन्दूक  न  जंग  न  चोरी 
ऐसे  एक  दुनिया  की  सोच  है  मेरी
इस  सोच  को  सच  बनाना  है
इंसानियत  का  संदेसा  फैलाना  है
मैं  से  पहले  आप  ज़बान  पे  लाना  है
स्वार्थ  नामी  कीड़े  को  काट  खाना  है
दुसरो  के  दुःख  को  अपना  समजना  है
ब्रस्थाचार  का  नामुनिशन  मिटाना  है
ये  मकसत  है  मुश्किल ,  नामुमकिन  नहीं
हिम्मत  है  ज़रूरी ,  ताकत  नहीं
चलो  कदम  बढ़ाये ,  मंजिल  अब  दूर  नहीं
आओ  दिखादे  हम  मजबूर  नहीं
उठो!  चलो!  अब  न  करो  देरी
ऐसे  एक  दुनिया  की  सोच  है  मेरी !!!

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