Monday 31 December 2012

नयी उम्मीद, नया सवेरा...!!!

बैठे है रात की गोद में
करने आज को अल्विदा
लायेगा कल का सूरज
अपने साथ नया सवेरा ।

रहेगी धरती वोही
और वोही रहेगा आसमान
हम तुम भी होंगे वोही
बस होगा नया कारवां ।

नयी उम्मीद की किरण होगी
होगा नया हौसला
और नए जोश के साथ
होगा सही गलत का फैसला ।

ना पिछली गलतियों का अफ़सोस होगा 
ना दुःख भरी यादें होंगी
बस आने वाले समय में
खुशियों की उम्मीद होगी ।

चेहरे पे हसी लिए
सामना करेंगे हर हाल का
अतीत की कैद से आज़ाद
स्वागत होगा नए साल का ।

No comments:

Post a Comment